Tuesday, August 10, 2010

जिंदगी

जिंदगी बस यू ही चलती चली जा रही है|

रात होती है और फिर दिन होता है, फिर रात होती है और फिर से दिन होता है| शायद समय ज्यादा तेज है और हम बहुत धीमे| जिंदगी में ख्वाहिशे बढती जा रही है और समय ख़त्म होता जा रहा है|

और कभी कभी ऐसा लगता है की इसी रफ़्तार से आगे बड़ते रहे तोह शायद अपने मार्ग पर मैं अकेला ही बचूंगा|

सब कुछ उतना आसान नही है जितना सोचा गया था|

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